गेमिंग इंडस्ट्री एक बेहतर विकल्प


गेमिंग इंडस्ट्री  - 

वीडियो गेम्स की लोकप्रियता दिन-प्रतिदिन बढती ही जा रही है और यही वजह है कि छोटे-बडे सभी शहरों के साइबर कैफे में वीडियो गेम के दीवानों की भीड देखी जा सकती है। पीसी व ऑनलाइन गेम खेलने के शौकीनों के लिए अब मोबाइल पर भी यह सुविधा उपलब्ध हो गई है। एक्सबॉक्स 360, प्लेस्टेशन 3 व नाइनटेंडो जैसे गेमिंग कांसोल ने खेलने का मजा दोगुना कर दिया है।



 थ्रिलिंग करियर
बदलते जमाने के साथ-साथ करियर चुनने में बदलाव आने लगा है। अब स्टूडेंट्स ऐसे करियर की तलाश में रहते हैं जिसमें थ्रिल हो, इमेजिनेशन हो और साथ में हो आगे बढने की संभावना भी। अगर आप भी ऐसा ही कुछ सोच रहे हैं, तो गेमिंग इंडस्ट्री एक बेहतर विकल्प हो सकती है। तेजी से उभरते हुए इस क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। नेशनल असोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर ऐंड सर्विस कंपनीज (हृन्स्स्ष्टह्ररू) के आंकडों के मुताबिक, वर्ष 2010 तक भारत में गेमिंग का कारोबार लगभग 10 अरब डॉलर तक हो जाने की संभावना है। गेमिंग करियर का सबसे बडा लाभ यह है कि इसमें आप फन के साथ-साथ अर्न का भी आनंद उठा सकते हैं।

मुख्य धाराएं
गेम डेवलॅपमेंट एक जटिल प्रक्रिया है जिसमें क्रिएटिविटी, टैलॅन्ट व एक्सपीरियंस का संगम देखने को मिलता है। इसकी मुख्य धाराएं हैं- डिजाइन, प्रोग्रामिंग, आर्टवर्क, कंटेन्ट क्रिएशन व टेस्टिंग आदि। आइए जानते हैं इनके बारे में थोडे विस्तार से..

आर्टिस्ट
किसी भी गेम में लोगों को आकर्षित करने के लिए ग्राफिक डिजाइनिंग की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इस क्षेत्र में आर्ट डायरेक्टर, कॉन्सेप्ट आर्टिस्ट, कैरेक्टर मॉडलर, कैरेक्टर एनिमेटर, एनवॉयरनमेंटल 3डी आर्टिस्ट, इफेक्ट्स आर्टिस्ट आदि के रूप में करियर को एक नई दिशा दे सकते हैं। गेमिंग इंडस्ट्री में आर्टिस्ट के रूप में करियर बनाने के लिए फाइन आर्ट्स या इससे संबंधित डिग्री प्राप्त करना आवश्यक है। पेंटिंग, ड्रॉइंग, कलर थ्योरी, स्कल्पचर और डिजाइनिंग के मूलभूत सिद्धांतों की जानकारी हासिल करने से रचनात्मक दक्षता का विकास होता है। वैसे, एक आर्टिस्ट के लिए विजुअल इमेजिनेशन सबसे जरूरी है। अगर आप में अपनी कल्पना शक्ति के सहारे किसी भी चीज को खूबसूरत स्वरूप देने की क्षमता है, तो आर्टिस्ट बनने से आपको कोई नहीं रोक सकता। सालाना कमाई : गेम आर्टिस्ट की सैलरी 1,80,000 रुपये प्रतिवर्ष से शुरुआत हो सकती है, जबकि आर्ट डायरेक्टर के रूप में 8,50,000 रुपये प्रतिवर्ष मिल सकता है।

गेम डिजाइनर
गेम डिजाइनर किसी भी गेम का ब्ल्यू प्रिंट तैयार करता है और उसे अंतिम स्वरूप देता है। टीम में गेम डिजाइनर के कई स्तरों के पद होते हैं, जैसे-लेवॅल डिजाइनर्स, राइटर-डिजाइनर्स, लीड गेम डिजाइनर आदि। गेम डिजाइनर बनने के लिए शैक्षिक और तकनीकी योग्यताओं के अलावा, कुछ अन्य गुणों का होना भी जरूरी है, जैसे-इम्प्रेसिव कॅम्युनिकेशॅन स्किल, दूसरों को प्रेरित करने की क्षमता आदि।
सालाना कमाई : एक गेम डिजाइनर सालाना 3,40,000 से 10,50,000 रुपये तक कमा सकता है।

प्रॉडयूसर
गेमिंग और एनिमेशन इंडस्ट्री में प्रॉडयूसर का कार्य सबसे महत्वपूर्ण होता है। पूरी टीम का मुखिया होने के नाते सभी कार्यो को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी प्रॉडयूसर के ऊपर ही होती है। डिजाइनरों की ही तरह गेमिंग टीम में प्रॉडयूसर भी एक से ज्यादा हो सकते हैं। इसमें असोसिएट प्रॉडयूसर, एग्जीक्यूटिव प्रॉडयूसर, एक्सटर्नल और इंटर्नल प्रॉडयूसर आदि शामिल होते हैं। प्रॉडयूसर के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट में निपुणता अनिवार्य है। साथ ही, कम्प्यूटर का ज्ञान भी जरूरी है। संगठन क्षमता, नेतृत्व क्षमता और लगातार लंबे समय तक कार्य करने की क्षमता जैसे गुण इस करियर के लिए मददगार हो सकते हैं।
सालाना कमाई : प्रॉडयूसर के रूप में वार्षिक कमाई 2,50,000 से 7,50,000 रुपये तक हो सकती है।

प्रोग्रामर
किसी भी गेमिंग टीम के अभिन्न अंग होते हैं - प्रोग्रामर। डिजाइनर, प्रॉडयूसर, साउंड आर्टिस्ट आदि के कार्यो को गेम का स्वरूप देना एक प्रोग्रामर का काम होता है। आमतौर पर प्रोग्रामर ही सभी कार्यो को कम्प्यूटर प्रोग्राम के रूप में तब्दील करने के लिए उत्तरदायी होता है। प्रोग्रामर आइडियाज को कम्प्यूटर के अनुरूप मैथमेटिकल स्वरूप देने की कोशिश करता है। इसके लिए मैथ्स की अच्छी जानकारी जरूरी है। इसके अतिरिक्त सी, सी++, जावा, डायरेक्ट एक्स जैसे कुछ खास प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की जानकारी भी आवश्यक है।
सालाना कमाई : ,80,000 से 12,50,000 रुपये।

साउंड डिजाइनर्स
साउंड डिजाइनर्स गेम में म्यूजिक और साउंड के उचित समावेश के लिए जिम्मेदार होते हैं। गेम में बादलों के कडकने और गाडी के रुकने पर उसके टायर की चरचराहट, पानी टपकने की टप, टप..आवाज आदि हम साउंड डिजाइनर के प्रयासों से ही सुन पाते हैं। साउंड डिजाइनर के लिए संगीत का विस्तृत ज्ञान होना आवश्यक है।

कोर्स
गेम डिजाइन व गेम डेवलॅपमेंट में बीए ऑनर्स व पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा के अलावा कई शॉर्ट टर्म कोर्सेज भी कराए जाते हैं। बीएफए (बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स) या एमएफए (मास्टर ऑफ फाइन आर्ट्स) की डिग्री हासिल करने वालों के लिए इस क्षेत्र में संभावनाएं इसलिए बढ जाती हैं, क्योंकि उनमें ड्राइंग, स्केचिंग व गेमिंग की एनाटॉमि समझने की क्षमता जबरदस्त होती है।
कहां से करें कोर्स?

-जागरण इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट ऐंड मास कॅम्युनिकेशॅन, नोएडा, 
ई-मेल : info_jimmc@yahoo.co.in

-गेको एकेडमी ऑफ डिजिटल आर्ट, साउथ एक्स, पार्ट-2, दिल्ली 
ई-मेल : info@geckoindia.com, वेबसाइट : www.geckoindia.com

-पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी, जालंधर।

-एरिना मल्टीमीडिया, दिल्ली, 
वेबसाइट : www.arena.multimedia.com

-सीजी तंत्रा, दिल्ली व मुंबई आमतौर पर हर वर्ष तीन बार- अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में एडमिशन लिए जा सकते हैं। 

यूजफुल वेबसाइट्स - 

www.icat.ac.in
www.gamespot.com http://spheretechso lutions.com

एक गेम डेवलॅप करने में 80 लाख से 1 करोड रुपये तक खर्च हो जाते हैं और एक से डेढ साल का समय लग जाता है। गेमिंग विश्व स्तर पर 1000 अरब डॉलर की इंडस्ट्री है। वर्ष 2026 तक केवल भारत में ही गेमिंग 200 अरब डॉलर की इंडस्ट्री हो जाएगी।

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